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हसनगंज के लेखपाल की मौत : हसनगंज के लेखपाल शेखर गौड़ की आकस्मिक मौत से शोक की लहर

हसनगंज के लेखपाल की मौत :- उन्नाव जिले के हसनगंज तहसील में तैनात कर्मठ और लोकप्रिय लेखपाल शेखर गौड़ की अचानक मृत्यु से पूरा प्रशासनिक तंत्र स्तब्ध है। बताया जा रहा है कि उनकी मौत का कारण हृदयगति रुकना है। 46 वर्षीय शेखर गौड़ अपनी जिम्मेदारियों को पूरी निष्ठा और लगन के साथ निभाने के लिए जाने जाते थे। उनकी इस अप्रत्याशित मौत से न केवल उनके सहकर्मी बल्कि स्थानीय ग्रामीण भी गहरे शोक में हैं।

अचानक बिगड़ी तबीयत

सूत्रों के अनुसार, शेखर गौड़ हमेशा की तरह अपने दैनिक कार्यों में व्यस्त थे। कार्यालय में दिनभर फाइलों और लोगों की समस्याओं को निपटाने के बाद शाम को उनकी तबीयत अचानक खराब हो गई। सहकर्मियों ने उन्हें तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। प्रारंभिक जांच में पता चला कि उनकी मृत्यु का कारण हृदयगति का रुकना था।

एक कर्मयोगी की विदाई

शेखर गौड़ हसनगंज क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक स्तंभ थे। वे न केवल सरकारी कार्यों में तत्पर रहते थे, बल्कि जनता के साथ उनकी आत्मीयता ने उन्हें क्षेत्र में लोकप्रिय बना दिया था। भूमि संबंधी विवादों को सुलझाने में उनकी निष्पक्षता और सरलता ने कई जटिल मामलों को सुलझाया था। ग्रामीण अक्सर कहते थे, “शेखर बाबू हमारे हर दुख-सुख में खड़े रहते थे।”

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सहकर्मियों और क्षेत्र में शोक का माहौल

उनकी मौत की खबर सुनकर तहसील कार्यालय में शोक का माहौल पसर गया। सहकर्मी और अधीनस्थ अधिकारी उन्हें याद करते हुए कहते हैं कि शेखर गौड़ का जीवन अनुशासन और सेवा का प्रतीक था। स्थानीय लोग उनके घर पहुंचकर शोकाकुल परिवार को ढांढस बंधा रहे हैं।

क्या हम अपनी सेहत के प्रति लापरवाह हैं?

इस घटना ने एक बार फिर से सरकारी कर्मचारियों के कामकाजी जीवन की चुनौतियों और स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव की ओर ध्यान आकर्षित किया है। लगातार बढ़ते कार्यभार, तनाव और अनियमित जीवनशैली के कारण सरकारी अधिकारी व कर्मचारी अक्सर अपने स्वास्थ्य की अनदेखी कर देते हैं। शेखर गौड़ की अचानक मौत ने इस गंभीर समस्या पर विचार करने की आवश्यकता को उजागर किया है।

शेखर गौड़ की यादें उनके सहकर्मियों, दोस्तों और परिवार के दिलों में हमेशा जीवित रहेंगी। उनकी कड़ी मेहनत और कर्तव्यनिष्ठा हर सरकारी अधिकारी के लिए प्रेरणा बनी रहेगी। हसनगंज तहसील में उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।उनकी मृत्यु से जो खालीपन पैदा हुआ है, उसे भर पाना मुश्किल है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और परिवार को यह दुख सहने की शक्ति दे।

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