उन्नाव लोकल न्यूज़क्राइम

चंपापूर्वा में जमीन पर कब्जा: प्रशासन की अनदेखी या दबंगों की हिम्मत?

चंपापूर्वा में जमीन पर कब्जा:- उन्नाव जिले के गंगाघाट क्षेत्र का चंपापूर्वा गांव इन दिनों भू-माफियाओं की हरकतों के कारण चर्चा में है। यहां दबंग लोग गरीबों की जमीन पर जबरन कब्जा कर रहे हैं। प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा बार-बार मना करने के बावजूद, दबंग अपनी मनमानी से बाज नहीं आ रहे हैं। सूत्रों की मानें तो यह जमीन एक गरीब व्यक्ति की है, जो अपनी जायज जमीन को बचाने के लिए थाना और तहसील के चक्कर काटने को मजबूर हो सकता है।

प्रशासन की लापरवाही या मिलीभगत?

चंपापूर्वा में नगर पालिका, ग्राम समाज और गंगा नदी की जमीनों पर बड़े पैमाने पर अवैध प्लाटिंग हो चुकी है। इन प्लॉटों को भू-माफियाओं ने बेच दिया है, और हैरानी की बात यह है कि प्रशासन ने अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिरकार इन दबंगों को किसका संरक्षण प्राप्त है? क्यों पुलिस और लेखपाल की बात को दबंग नजरअंदाज कर रहे हैं?

लेखपाल और पुलिस की भूमिका पर सवाल

चंपापूर्वा में लेखपाल और पुलिस ने दबंगों को कई बार चेतावनी दी, लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ। दबंग खुलेआम मकान बनवा रहे हैं और गरीबों की जमीन पर कब्जा कर रहे हैं। प्रशासन की निष्क्रियता ने इन माफियाओं को और अधिक हिम्मत दे दी है। यह स्थिति योगी सरकार की “माफिया मुक्त उत्तर प्रदेश” की परिकल्पना पर सवाल खड़े करती है।

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गरीबों के लिए बड़ी मुसीबत

यह समस्या केवल चंपापूर्वा तक सीमित नहीं है। पूरे राज्य में गरीब और कमजोर वर्ग के लोग भू-माफियाओं की साजिश का शिकार हो रहे हैं। प्रशासनिक कार्यवाही में देरी से इन माफियाओं को कब्जा करने का समय मिल जाता है। जब तक पीड़ित थाने और तहसील में न्याय की गुहार लगाता है, तब तक उसकी जमीन पर कब्जा हो चुका होता है।

भू-माफियाओं का साहस और जनता की लाचारी

योगी सरकार के बुलडोजर अभियान ने बड़े माफियाओं पर कार्रवाई की है, लेकिन छोटे स्तर के माफियाओं पर ध्यान नहीं दिया गया है। चंपापूर्वा जैसे गांवों में छोटे भू-माफिया तेजी से पनप रहे हैं। इनकी हिम्मत इतनी बढ़ गई है कि ये प्रशासनिक अधिकारियों की बात तक नहीं मानते।

कब चलेगा बुलडोजर?

चंपापूर्वा के मामले ने सरकार और प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर दिया है। जनता सवाल कर रही है कि योगी सरकार कब इन दबंगों पर कार्रवाई करेगी। जिन गरीबों की जमीन छीनी जा रही है, क्या उनकी आवाज सुनी जाएगी? क्या प्रशासन इन दबंगों पर बुलडोजर चलाने का साहस दिखाएगा?

जरूरत है ठोस कार्रवाई की

चंपापूर्वा की घटना यह बताती है कि भू-माफिया किस हद तक बेखौफ हो चुके हैं। प्रशासन और सरकार को चाहिए कि:

1. सख्त कार्रवाई करें: दबंगों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई हो और उनकी संपत्तियों को जब्त किया जाए।

2. पीड़ितों की सुनवाई हो: गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों को त्वरित न्याय दिया जाए।

3. भू-माफिया पर नकेल कसें: राज्यभर में भू-माफिया के खिलाफ अभियान चलाया जाए।

4. सामुदायिक जागरूकता बढ़ाएं: लोगों को उनकी जमीन और अधिकारों के प्रति जागरूक किया जाए।

समाप्ति में संदेश

चंपापूर्वा की घटना प्रशासन की लापरवाही और दबंगों की बेखौफ हरकतों का प्रतीक है। अगर समय रहते इस पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो यह समस्या और विकराल रूप ले सकती है। योगी सरकार से उम्मीद है कि वह गरीबों की जमीन को बचाने और दबंगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सख्त कदम उठाएगी। यह समय है कि “माफिया मुक्त उत्तर प्रदेश” की अवधारणा को धरातल पर उतारा जाए और पीड़ितों को न्याय दिलाया जाए।

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