ब्रेकिंग न्यूज़ उन्नाव (यूपी) – जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बैंकर्स समिति की महत्वपूर्ण बैठक संपन्न
उन्नाव जिले में कलेक्टेªट स्थित पन्ना लाल सभागार में जिलाधिकारी श्री गौरांग राठी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समीक्षा समिति/परामर्श समिति बैंकर्स (डी.एल.आर.सी/डी.सी.सी.) की महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई

ब्रेकिंग न्यूज़ उन्नाव (यूपी) :– उन्नाव जिले में कलेक्टेªट स्थित पन्ना लाल सभागार में जिलाधिकारी श्री गौरांग राठी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समीक्षा समिति/परामर्श समिति बैंकर्स (डी.एल.आर.सी/डी.सी.सी.) की महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई। इस बैठक में जिले में बैंकों द्वारा वितरित किए जा रहे ऋणों की समीक्षा की गई और बैंकों को निर्देशित किया गया कि वे जिले में ऋण-जमानुपात (CD Ratio) बढ़ाने पर विशेष ध्यान दें। जिलाधिकारी ने बैंकों के प्रदर्शन पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए उन्हें सख्त निर्देश दिए कि वे ऋण-जमानुपात में सुधार करें।
ऋण-जमानुपात बढ़ाने पर विशेष बल
बैठक के दौरान जिलाधिकारी श्री गौरांग राठी ने जिले के सभी बैंकों से ऋण-जमानुपात बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिले के आर्थिक विकास के लिए बैंकों का सहयोग अत्यंत आवश्यक है और ऋण-जमानुपात को सुधारने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाने चाहिए। उन्होंने बैंकों को सख्त हिदायत दी कि वे कृषि, लघु एवं मध्यम उद्योगों (MSME), महिला स्वयं सहायता समूहों (SHG) और स्वरोजगार योजनाओं के अंतर्गत अधिक से अधिक ऋण वितरित करें, जिससे स्थानीय व्यापार और रोजगार को बढ़ावा मिल सके।
कम ऋण-जमानुपात वाले बैंकों पर नाराजगी
बैठक में जिलाधिकारी ने विशेष रूप से उन बैंकों पर नाराजगी जाहिर की जिनका ऋण-जमानुपात जिले में सबसे कम है। इनमें प्रमुख रूप से पंजाब नेशनल बैंक, इंडियन बैंक और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का नाम सामने आया। इन बैंकों द्वारा अपेक्षित स्तर पर ऋण वितरण न करने के कारण जिलाधिकारी ने सख्त चेतावनी दी और उन्हें जल्द से जल्द सुधार लाने के निर्देश दिए।
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पंजाब नेशनल बैंक को कड़ी चेतावनी
विशेष रूप से पंजाब नेशनल बैंक का ऋण-जमानुपात अन्य बैंकों की तुलना में सबसे कम पाया गया, जिससे जिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने बैंक प्रबंधन को स्पष्ट रूप से चेतावनी दी कि यदि जल्द ही सुधार नहीं किया गया, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही, इंडियन बैंक और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को भी तत्काल प्रभाव से अपने ऋण-जमानुपात को बढ़ाने के निर्देश दिए गए।
बैंकों को स्पष्ट दिशा-निर्देश
जिलाधिकारी ने बैठक में उपस्थित सभी बैंकों को निर्देश दिए कि वे निम्नलिखित बिंदुओं पर तत्काल कार्यवाही करें:
1. ऋण-जमानुपात में सुधार – सभी बैंकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे अपने ऋण-जमानुपात को न्यूनतम निर्धारित सीमा तक लाएं और अधिक से अधिक योग्य लाभार्थियों को ऋण प्रदान करें।
2. किसानों और छोटे व्यवसायों को प्राथमिकता – किसानों, छोटे उद्यमियों, स्टार्टअप्स और महिला उद्यमियों को ऋण वितरण में प्राथमिकता दी जाए, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले।
3. सख्त निगरानी – जिन बैंकों का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं होगा, उन पर सख्त निगरानी रखी जाएगी और समय-समय पर समीक्षा की जाएगी।
4. योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन – सरकार द्वारा संचालित विभिन्न ऋण योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम आदि का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए।
5. समीक्षा बैठकें नियमित रूप से आयोजित हों – सभी बैंक हर महीने अपनी प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करें और तय किए गए लक्ष्य के अनुरूप अपने प्रदर्शन में सुधार लाएं।
आर्थिक विकास के लिए बैंकों की भूमिका महत्वपूर्ण
बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने इस बात पर जोर दिया कि जिले का समग्र विकास तभी संभव है जब बैंकिंग सेक्टर अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से निभाए। उन्होंने कहा कि ऋण-जमानुपात का बढ़ना न केवल बैंकों के प्रदर्शन को दर्शाता है, बल्कि इससे किसानों, उद्यमियों और स्वरोजगार को बढ़ावा मिलता है, जिससे जिले की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है।
बैंक प्रतिनिधियों की प्रतिक्रिया
बैठक में मौजूद बैंक प्रतिनिधियों ने जिलाधिकारी को आश्वासन दिया कि वे जल्द से जल्द अपने ऋण-जमानुपात को बढ़ाने के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे। उन्होंने कहा कि वे अधिक से अधिक लोगों तक बैंकिंग सुविधाएं पहुंचाने और ऋण वितरण को सुचारू बनाने के लिए सभी आवश्यक उपाय करेंगे।
जिला स्तरीय समीक्षा समिति की यह बैठक उन्नाव जिले के बैंकिंग क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव लाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकती है। जिलाधिकारी श्री गौरांग राठी के सख्त रुख और स्पष्ट दिशा-निर्देशों के बाद अब यह देखना होगा कि बैंकिंग संस्थान किस तरह से अपने कार्यों में सुधार लाते हैं और जिले के आर्थिक विकास में कितनी भागीदारी निभाते हैं।इस बैठक के नतीजों का असर आने वाले महीनों में जिले की बैंकिंग गतिविधियों और आर्थिक प्रगति पर स्पष्ट रूप से दिखाई देगा।