उन्नाव में फटा सिलेंडर :- खैरुद्दीनपुर गाँव में गैस सिलेंडर ब्लास्ट से भीषण आग, 18 घर जलकर राख, दो लोग झुलसे

उन्नाव में फटा सिलेंडर :- उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के बांगरमऊ कोतवाली क्षेत्र के खैरुद्दीनपुर गाँव में सोमवार को एक दर्दनाक हादसा हुआ। खाना बनाते समय अचानक एक गैस सिलेंडर फट गया, जिससे पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। विस्फोट इतना जबरदस्त था कि आग ने तेजी से आसपास के घरों को अपनी चपेट में ले लिया। देखते ही देखते 18 घर जलकर खाक हो गए और कई परिवार बेघर हो गए। इस हादसे में एक महिला समेत दो लोग गंभीर रूप से झुलस गए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
कैसे हुआ हादसा?
स्थानीय लोगों के अनुसार, यह हादसा दोपहर के समय हुआ, जब गाँव की एक महिला अपने घर में खाना बना रही थी। अचानक सिलेंडर से गैस लीक होने लगी और देखते ही देखते जोरदार धमाका हो गया। धमाके की आवाज सुनकर ग्रामीण घरों से बाहर निकल आए, लेकिन तब तक आग ने आसपास के कई घरों को अपनी चपेट में ले लिया था। घरों में रखे लकड़ी, कपड़े और अन्य ज्वलनशील पदार्थों के कारण आग तेजी से फैलती चली गई।
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आग बुझाने में लगे ग्रामीण और फायर ब्रिगेड
घटना के बाद गाँव के लोगों ने तुरंत आग बुझाने का प्रयास शुरू कर दिया। बाल्टियों और बर्तनों में पानी भरकर ग्रामीणों ने आग पर काबू पाने की कोशिश की, लेकिन आग की लपटें इतनी भयंकर थीं कि उस पर काबू पाना मुश्किल हो गया। सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुँची और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर नियंत्रण पाया गया। लेकिन तब तक 18 घर पूरी तरह जल चुके थे और लाखों का नुकसान हो चुका था।
हादसे में दो लोग झुलसे
इस भयावह आगजनी में गाँव की एक महिला और एक अन्य व्यक्ति बुरी तरह झुलस गए। दोनों को तुरंत स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहाँ उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। डॉक्टरों के अनुसार, झुलसे हुए लोगों का इलाज जारी है और उन्हें बेहतर चिकित्सा सुविधा के लिए जिला अस्पताल रेफर किया जा सकता है।
हजारों का नुकसान, कई परिवार बेघर
इस हादसे ने गाँव के 18 परिवारों को बेघर कर दिया। आग में घरों के साथ-साथ अनाज, कपड़े, जरूरी दस्तावेज, फर्नीचर और अन्य कीमती सामान जलकर राख हो गए। जिन परिवारों के घर जल गए, वे अब खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं। स्थानीय प्रशासन की ओर से पीड़ितों को अस्थायी आश्रय देने की व्यवस्था की जा रही है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। प्रशासन ने प्रभावित परिवारों को राहत सामग्री देने का आश्वासन दिया है। जिला अधिकारी ने कहा कि पीड़ितों को जल्द से जल्द आर्थिक सहायता दी जाएगी और उनके पुनर्वास की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही इस हादसे की पूरी जांच कराई जाएगी ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
गाँव में मातम का माहौल
इस भयावह घटना के बाद पूरे गाँव में मातम पसरा हुआ है। आग लगने के बाद जिन लोगों के घर जल गए, वे असहाय होकर अपने टूटे हुए आशियानों को निहार रहे हैं। जिनके पास रहने के लिए जगह नहीं बची, वे अपने रिश्तेदारों और पड़ोसियों के घरों में शरण ले रहे हैं। पीड़ित परिवारों का कहना है कि उनकी पूरी जिंदगी की कमाई इस आग में जलकर राख हो गई।
आग से बचाव के उपाय
यह हादसा एक बार फिर से गैस सिलेंडर की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े करता है। अक्सर देखा जाता है कि लीक हो रहे सिलेंडर को नजरअंदाज कर दिया जाता है, जिससे ऐसे हादसे होते हैं। प्रशासन और गैस कंपनियों को चाहिए कि वे गाँवों में जागरूकता अभियान चलाएं और लोगों को गैस सिलेंडर से जुड़ी सुरक्षा सावधानियों के बारे में विस्तार से जानकारी दें। साथ ही, जरूरतमंद लोगों को फायर एक्सटिंग्विशर जैसी सुविधाएँ भी उपलब्ध कराई जाएँ।
खैरुद्दीनपुर गाँव की यह घटना बेहद दर्दनाक है। इसमें न केवल 18 परिवार बेघर हुए, बल्कि दो लोग गंभीर रूप से झुलस भी गए। सरकार और प्रशासन को चाहिए कि वे पीड़ितों की हर संभव मदद करें और ऐसे हादसों को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाएँ। इस घटना से हमें यह सीख भी मिलती है कि गैस सिलेंडर का उपयोग करते समय हमें पूरी सतर्कता बरतनी चाहिए ताकि इस तरह के हादसों से बचा जा सके।